कुछ तो ख़लिश सी अभी बाकी है।
मुझ मैं तेरी कमी सी अभी बाकी है।
चाहे तूम न देख पाओ यह शायद।
तुम बिन आँखों में नमी सी बाकी है।
बहारें केई आ कर यहाँ से गुज़र गई।
मगर खिज़ा के निशाँ अभी बाकी है।
जुबाँ तुम्हारा नाम नहीँ लेती मगर।
दिल मैं तेरे कुछ अरमान अभी बाकी है।
ज़िंदा हूँ मैं तुझ बिन ऐ ज़िन्दगी।
तुझे पाने का ख्वाब मुझमें अभी बाकी है।
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