चाहतों की बरसात लिए, सितारों की सौगात लिए।
खामोश गगन के साए में हम सोए हैं तेरी याद लिए।
थोड़ी थोड़ी महकी है चांदनी कुछ यूँ बहकी है।
रात का यह जो साया है तेरी झुल्फों सा लहराया है।
आज जो भी ख्वाब बुना साथी उसमें तुझको चुना।
आएं जाएँ जो भी हवाएँ, याद लाए तेरी सदा।
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